सोनभद्र जिले में बड़े ही धूमधाम से महिलाएं हरतालिका तीज को व्रत रहकर भगवान शिव के मंदिरों में तीज व्रत का कथा को सुना प्रभादेवी ने बताया हरतालिका तीज भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है नीतू सिंह एवं पूजा शाह ने बताया हरतालिका तीज को कई जगहों पर तीजा के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. ये व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है हरतालिका तीज का हिन्दु धर्म में बहुत महत्व है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।
इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और लड़कियां भी इस दिन अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि महिलाएं अगर इस दिन सच्चे मन से व्रत रखती हैं तो उन्हें सौभाग्य का प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
ऐसा माना जाता है कि माता पार्वती ने भी भगवान शंकर को पाने के लिए यह व्रत किया था। हरतालिका तीज 6 सितंबर 2024 शुभ योग इस वर्ष हरतालिका तीज पर बहुत ही अच्छा शुभ संयोग बन रहा है। पंचांग गणना के मुताबिक 06 सितंबर को हरतालिका पर रवि और शुक्ल योग के साथ चित्रा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
हरतालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विशेष रूप से होती है। इस पूजा को सुबह ही करनी चाहिए लेकिन शिव-पार्वती के पूजन के लिए प्रदोष काल का समय सबसे सही माना जाता है। प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद का जो समय होता है वह प्रदोष काल कहलाता है।